शिवजी की पूजा मूर्ति तथा शिवलिंग दोनों रूपों में की जाती है शिव के गले में नाग देवता विराजमान करते हैं तथा उनके हाथों में डमरू और त्रिशूल होता है. पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥ अर्थ- हे अनंत एवं नष्ट न होने वाले अविनाशी भगवान भोलेनाथ, https://louiskrugf.azzablog.com/29884975/shiv-chalisa-lyrics-bhakti-bharat-can-be-fun-for-anyone