कितनी ही याद आएगी तेरी, एक दिन भूल जाऊंगा, देखना अब मैं कभी लौटकर नहीं आऊंगा। तुम ने अच्छा ही किया मुझ से किनारा कर के तो दर्द को छुपा कर हँसने की कोशिश करता हूँ। मियाँ ये आशिक़ी इज़्ज़त बिगाड़ देती है…” आख़िर चांद भी अकेला रहता हैं सितारों https://youtu.be/Lug0ffByUck